अमेठी में शासनऔर प्रशासन व्यवस्थाओं और सुविधाओं के लाख दावे क्यों न भरता हो लेकिन उसकी धरातलीय हकीकत कुछ और ही बयां करती है ऐसा ही अमेठी प...
अमेठी में शासनऔर प्रशासन व्यवस्थाओं और सुविधाओं के लाख दावे क्यों न भरता हो लेकिन उसकी धरातलीय हकीकत कुछ और ही बयां करती है ऐसा ही अमेठी प्रशासन के दावों की पोल खोलता एक मामला अमेठी में भी देखने को मिला है जहां पर प्रशासनिक लापरवाही के चलते कोरोना संक्रमित मरीज अपने घर पर प्रोग्राम कर रहा था और वह बारात लेकर दूसरे के घर पर पहुंचने वाला था तभी उसकी रिपोर्ट मिलते ही पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया आनन-फानन में तहसील प्रशासन पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर किसी तरह से संक्रमित पिता पुत्र को बारात लेकर लड़की के घर पहुंचने से पहले ही पकड़ कर कोविड L1 हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया। इसके उपरांत आज सुबह ही कोरोना पॉजिटिव आए हुए व्यक्तियों के घर प्रशासन पहुंचकर वहां पर जितने भी लोग बारात में शामिल होने आए थे उन सभी को एंबुलेंस की मदद से जनपद मुख्यालय स्थित फैसिलिटी सेंटर ले जाया गया जहां पर उनकी भी स्कैनिंग की जाएगी उसके बाद उनको वहीं पर क्वॉरेंटाइन कर दिया जाएगा किसी के साथ साथ पूरे गांव को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है। हालांकि इस मामले में अमेठी प्रशासन सहित ग्राम निगरानी समिति व स्वास्थ्य विभाग की तमाम सारी पोल खुल गई।
आपको बता दें की अमेठी जनपद की मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के बाजार शुकुल ब्लॉक वह कमरौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा बरसंडा के रहने वाला एक परिवार पिछले 12 जून को नई दिल्ली से अपने घर आया हुआ था और जिसको होम क्वॉरेंटाइन रहने का निर्देश दिया गया था 16 जून को दिल्ली से आने वाले सभी का सैंपल भेज दिया दिल्ली से आने वाले सभी लोगों के कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल भेज दिया गया जिसकी रिपोर्ट 19 तारीख को प्राप्त हुई और उसमें से पिता-पुत्र दोनों पॉजिटिव आए जैसे ही प्रशासन देर शाम पिता पुत्र को लेने उनके घर पहुंचा तो पता चला कि आज उसी 24 वर्षीय युवक की शादी हैऔर पिता-पुत्र सहित तीन गाड़ियां बारात के लिए निकल चुकी है आनन-फानन में कमरौली थाने की मदद से दूल्हा एवं उसके पिता को अमेठी बाराबंकी बॉर्डर पर पकड़ कर एंबुलेंस की सहायता से कोविड- हॉस्पिटल भेज दिया गया इसके उपरांत संपर्क में आने वाले लोगों की तलाश की जाने लगी शादी का घर था घर में बहुत सारे लोग आए हुए थे इसलिए आज सुबह ही अधिकारियों ने एंबुलेंस उनके संपर्क में आए हुए 23 लोगों को जनपद मुख्यालय स्थित फैसिलिटी सेंटर में भिजवा दिया जहां पर उनका टेस्ट किया जाएगा और 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा फिलहाल इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि आखिर जिस व्यक्ति को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया गया था वह इस अवधि को पूरा किए बिना आठवें दिन विवाह कैसे कर सकता है उसके विवाह की अनुमति किस अधिकारी के द्वारा दी गई है ऐसी दशा में अनुमति को निरस्त क्यों नहीं किया गया यदि उसने छुपाकर शादी की है तो उसके ऊपर क्या कार्यवाही की जा रही है इन सब सवालों का जवाब अमेठी प्रशासन के पास भी नहीं है। इसी के साथ एक बड़ा सवाल यह भी है कि ग्राम निगरानी समितियों का कार्य भी कहीं ना कहीं संदेह के घेरे में है क्योंकि आखिर वह क्या कर रही थी जब क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोग वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे थे तो उन्होंने प्रशासन को सूचित क्यों नहीं किया।
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