कहते हैं की चिकित्सक धरती के भगवान होते हैं जो मरीजों का इलाज कर उन्हें रोग से मुक्ति दिलाते हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के संकट के चलते यूपी म...
कहते हैं की चिकित्सक धरती के भगवान होते हैं जो मरीजों का इलाज कर उन्हें रोग से मुक्ति दिलाते हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के संकट के चलते यूपी मे भी लाकडाउन जारी रहा। लाकडाउन के दौरान अस्पतालों मे सामान्य मरीजों के लिए ओपीडी सेवाएँ बंद कर दी गई थी। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएँ ही दी जा रही थी। जिससे आम मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन, अब अमेठी जनपद के मरीजों ने राहत की सांस ली है क्योंकि 22 जून से जनपद के सरकारी अस्पतालों ने सभी प्रकार के मरीजों के लिए ओपीडी सेवाएँ शुरू कर दिया है।
ओपीडी को लेकर हमारे यहाँ जैसा की सीएमओ साहब ने आदेश किया था की पहले इमरजेंसी और आकस्मिक सेवाएँ ही देखी जाती थी लेकिन अब सीएमओ साहब ने कहा है की ओपीडी देखी जाए। कल मंडे को हमारे यहाँ 92 मरीज ओपीडी मे देखे गए हैं। जिसमे से बुखार, उल्टी-दस्त, जुखाम जैसे मरीज आ रहे हैं। सीएमओ साहब का आदेश है की जो कोरोना हेल्प डेस्क एक बनाया जाए जहाँ बुखार से संबंधित मरीज अलग से देखे जाएँ। वहाँ पर पल्स आक्सीमीटर होती है और इन्फ्रारेड थर्मामीटर होता है। पल्स आक्सीमीटर से एस2ओ2 और इन्फ्रारेड थर्मामीटर से टेम्परेचर देखा जाता है। अगर मरीज मे कोरोना लायक लक्षण देखा जाता है तो उसे जांच के लिए गौरीगंज भेजा जाता है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हमने आशा बहुओं को प्रशिक्षण दिया है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए फेस कबर करना है तथा साथ ही सात चरणों मे हांथ को सेनेटाइज करना होता है। जब हम किसी मरीज को छूते हैं या बच्चे को टीका लगाते हैं तो उसके बाद हांथ को प्रापर सेनेटाइज करते हैं। पेशेंट से डाक्टर की दूरी अथवा पेशेंट से पेशेंट की दूरी कम से कम दो गज बनाए रखना चाहिए।
No comments