रिपोर्ट:-अरविन्द तिवारी-सोनभद्र 'स्वच्छ ईंधन बेहतर जीवन' के स्लोगन के साथ 1 मई 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ...
रिपोर्ट:-अरविन्द तिवारी-सोनभद्र
'स्वच्छ ईंधन बेहतर जीवन' के स्लोगन के साथ 1 मई 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की योजना का मकसद धुआं रहित ग्रामीण भारत का निर्माण करना है महिलाओं को मिट्टी के चूल्हे से आजादी दिलाना है वादे तो बहुत लंबे किए गए लेकिन वादों की हकीकत जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच पा रही है सोनभद्र जिले का नगवा विकास खंड के ऐसे गांव जहां कभी नक्सल गतिविधियों के कारण लोग दहशत के साए में रहते थे वहां के आदिवासी शिक्षा स्वास्थ्य से लेकर अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते थे दावे तो यह भी किए गए इन गांव को शहरी माहौल मिलेगा इसके लिए केंद्र सरकार के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन में सम्मिलित 5 गांवो को 75 करोड़ रुपए से विकास कार्य कराए जाएंगे जब हमने कोदई कलस्टर ग्राम पंचायत में शामिल गांव पल्हारी में गए तब हम उज्जवला योजना की हकीकत जानी तो सिलेंडर और चूल्हे केवल रसोई घर का शोभा बड़ा रहा है आज भी वहां की आदिवासी महिलाएं लकड़ी और ऊपली के सहारे धुँए में जिंदगी जीने के लिए मजबूर है ।
इन आदिवासी महिलाओं को ना जाने कब शहर जैसे सुविधाएं मिलेगा आज भी वहां के लोग सरकार के खजाने से डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के योजना का टकटकी लगाए।हैं सबसे बड़ा सवाल है जब स्वच्छ निर्धन नहीं तो स्वच्छ जीवन की परिकल्पना कैसे की जा सकती है ।
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