भारत वर्ष विविधताओं का देश है। विभिन्न त्यौहार अनेकों मनाने के तरीके के साथ मनाया जाता है। ऐसे ही एक त्यौहार है हल छठ जो माएं अपने बच्चों ...
भारत वर्ष विविधताओं का देश है। विभिन्न त्यौहार अनेकों मनाने के तरीके के साथ मनाया जाता है।
ऐसे ही एक त्यौहार है हल छठ जो माएं अपने बच्चों की दीर्घ आयु के लिए रखतीं हैं।
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन श्री बलरामजी का जन्म हुआ था।इस व्रत को कई नामों से जाना जाता है। यह पर्व हलषष्ठी, हलछठ , राधन छठ, हरछठ व्रत, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ, ललही छठ, कमर छठ, या खमर छठ के नाम से भी जाना जाता है।
कायस्थ सेवा समाज के अध्यक्ष विजेश श्रीवास्तव के घर पूरे विधि विधान से मनाया गया हल छठ का त्यौहार।
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